The Poet

जख्मों पर तेरे प्यार के पैबंद लगा कर चल निकला,सफ़र इतना लंबा था की नासूर पैरों पर उतर आए। – …

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महरूम मोहब्बत का ये सिला मिला,इश्क के बदले में फलसफा मिला! – राकेश शुक्ल ’मनु’

ग्रंथि, पंडित, मौलवी के सामने निकाह पढ़ लेता तू जो कहती तो सितारे आसमां में जड़ देता लेकिन अब किसी …

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तुम चली तो गईं लेकिन एक टूटा फूटा आदमी एक टूटे दिल के साथ छोड़ गईं जिसका बोझ मैं अकेला …

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जला है जिस्म जहां दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तुजू क्या है हुआ है शह …

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मुद्दतें दर्द की लौ कम तो नहीं कर सकतीं ज़ख़्म भर जाएँ मगर दाग़ तो रह जाता है दूरियों से …

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रेत की लकीरें अब पत्थरों पर उतर आईं दोजख के सपने सच्चाई बन गए दिलों का बटवारा तो हो गया …

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मैं जानता हूं बहुतों ने की मुहब्बत तुझसे पहले मुझसे मैं जानता हूं मैं पहला नहीं जो जागा रातों में …

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क्या है तेरी बिसात मनु?अपने आप को हौसला देते देते खुद ही रो पड़ा! – राकेश शुक्ल ‘मनु’

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