मैं जानता हूं बहुतों ने की मुहब्बत तुझसे

पहले मुझसे

मैं जानता हूं मैं पहला नहीं जो जागा रातों में

इंतज़ार में भीगा बरसातों में

मैं जानता हूं कई और दिल टूटे हैं तेरे किनारों पर

सर झुके तेरे पैरों पर

मैं जानता हूं मैं पहला नहीं जिसने तेरा ख़्वाब देखा

हुस्न और शबाब देखा

मैं जानता हूं तेरे चाहने वाले तेरी याद नहीं तोड़ते

कभी तेरी आस नहीं छोड़ते

मैं जानता हूं मैं पहला नहीं

अफसोस आखिरी भी नहीं

लेकिन मैं, मैं, उस कतार में एक और नाम नहीं हूं

चलता हूं, अब एक अजनबी हूं

– अजनबी, Rakesh Shukla

Scroll to Top