तुम आ गए हो नूर आ गया है

नहीं तो चराग़ों से लौ जा रही थी

जीने कि तुमसे वजह मिल गई है

बड़ी बेवजह ज़िंदगी जा रही थी

गीतकार / गुलजार (आंधी, 1975)


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