मैं जानता हूं तू एक बार फिर आएगा
बस यही नहीं कब और किधर आएगा
जिंदगी से जीता पर तुझसे हार कर बैठा हूं
शायद तुझे भी कभी नजर आएगा
चाहा था जो तेरा प्यार वो छूट गया
अब शायद जिंदगी का सफर यूं ही गुजर जाएगा
तेरे आने में इतनी देर न हो
के इंतजार में आशिक फना हो जाएगा
मेरे अश्कों का न रुकने वाला सैलाब
शायद तेरी नफरत को बहा ले जायेगा
अब सिर्फ एक आखिरी सांस बची है
शायद आज खुदा की जगह तू ही नजर आएगा
कोशिश करना के इतनी देर न हो
जब तक तू पहुंचे जनाजा निकल जायेगा
मैं जानता हूं तू एक बार फिर आएगा
बस यही नहीं कब और किधर आएगा
– राकेश शुक्ल ‘मनु’